कलक्टर साहबके तँ कोनो लाज नहिये हतेनि, बिहारी सत्ताके कोनो मतलब नहिये छै, मैथिलके अपने लड़ा राज करय वला सभ तमासा कय रहल अछि।
श्री शीर्षत कपिल अशोक बहुत साल तक दरभंगाके कलक्टर बनल रहलाह। मगध सराकर हँ, हँ वैह बिहार सरकारके दुलरुआ कलक्टर छथि। हुनकर अपन कोनो जिम्मेदारी नहि रहैत छन्हि। मैट्रिक - इण्टरके परीक्षामे मिथिलाक जिलामे पटना सँ नियुक्त कलक्टर एसपी एना शख्ती देखबैत अछि जेना युद्ध लेल तैयार होइत हुए। विद्यार्थी लोकिन सँ दुर्व्यवहार अपन अधिकार बुझैत छै।
अशोक दरभंगामे जा धरि रहलाह एम्स लेल काज एक डेग आगू नहि बढ़ल। दरभंगा एयरपोर्ट हुनका सँ जतेक पार लगलनि ओ लटका कय रखने छलाह, जखनि मैथिलके दबाब बरदास्त कयल नहि पार लगलनि तँ आधा अधूरा कय कोनहुतो, बिना यात्री सुविधाके एयरपोर्ट चलि रहल अछि।
श्री शीर्षत कपिल अशोक मूल रूप सँ महाराष्ट्रके रहय वला छथि। महाराष्ट्र तँ ओनहिते मैथिल सङ्ग दुर्व्यवहार करय लेल कुख्यात अछि। कहियो देखलिये अछि मिथिलामे काज करय वला इमहाराष्ट्रीयन/मराठी आईएस/आईपीएस कहियो कोनो मैथिलके महाराष्ट्रमे भेल हत्या अथवा मारि-पिट पर सङ्ग दयने हुए?
नवका समाद इ छै जे मोतिहारीके महाराजा हरेन्द्र किशोर कॉलेजमे परीक्षा छल जे पनेदु बजे सँ शुरू भ' पाँच बजे तक चलितय। मुदा कलक्टर साहेबके पते नहि छलनि जे परीक्षा शुरूओ भेलय अथवा नहि। कलक्टर साहेबके पता करवाक आवश्यकतो की छन्हि? हुनकर की जायत आबैत छन्हि। स्थानीय समादक अनुसार परीक्षा 2 घण्टा लेट सँ प्रारम्भ भेल जे अन्हार भेलाक बाद तक होइत रहल। जखनि परीक्षा समय सँ शुरू नहि भेल तँ विद्यार्थी तथा गार्जियन लोकिन प्रश्न पूछय लगलाह, तँ जेना बुझल अछि अहि खीसे भारी संख्यामे पुलिस पहुँच गेल जेना मैथिल गुलाम हुए, आओर एतेक साहस कतय सँ आबि गेलय जे बिहारी सत्ता द्वारा नियुक्त तथा सञ्चालित प्रशासन सँ सबाल कोना पुछि सकैत छै?
एतबे पर काण्ड नहि रुकल मैथिलके मुहँ चुप करबय लेल बिहारी पुलिसके कोनो कमी नहि रहैत छै, मुदा परीक्षा ठीक सँ होइ अर्थात मैथिल विद्यार्थी बिना कोनो असुविधाके परीक्षा दय सकय ताहिके व्यवस्था करयमे हाथ-पैर फूलि जायत छन्हि, कलक्टर आओर हुनकर अधीन कर्मचारीके।
कहु तँ कहीं चारि चक्काके लाइटमे परीक्षा देल जायत छै? प्रशासन मात्र नोकरी बजबयमे लागल रहैत छै ताहि सँ वास्तविक रूप सँ की दिक्कत छै आओर की ओकर वास्तविक समाधान की हेतय ताहिमे कोनो इन्ट्रेस्ट नहि रहैत छन्हि।
जखनि समाद मीडियामे आबि गेल बिहारी सत्ताके जगहँसाई हुए लागल तखनि कलक्टर साहेबके बलि देबाक लेल एकटा छागर चाहियनि तखनि ओ तकलाह सेन्टर सुपरिटेंडेंटके , आओर ओकरा निलम्बित कय अपन कर्तव्यक इतिश्री कयलनि।
कलक्टर साहेब हमरा बुझल अछि जे अहाँ मैथिल जनताके प्रति उत्तरदायित्व नहि छै तथापि प्रश्न पूछनाइ हमर अधिकार आओर कर्तव्य दुनु अछि,
1.अहाँके की खबर नहि छल जे ओतय परीक्षा समय सँ शुरू नहि भेल?
2. जानकारी नहि छल तँ की अहाँ दोषी नहि?
3. जँ अहाँके जानकारी छल तँ अहाँके व्यवस्था करेलिये?
4. आ की सभटा भगवान भरोसे छोड़ि देने रहिये?
हमरा इहो बुझल अछि जे अहाँ लोकिन मैथिलके एतेक योग्य नहि बुझैत छिये जे कोनो प्रश्नक जबाब देबय।
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