बिहारके अधीन जे मिथिलाप्रान्त आबैत अछि ओहिमे 7 टा विश्वविद्यालय छै। 6 टा तँ मगधके पटना सँ सञ्चालित अछि, 6 टामे सँ एकटा संस्कृत विश्वविद्या...
बिहारके अधीन जे मिथिलाप्रान्त आबैत अछि ओहिमे 7 टा विश्वविद्यालय छै। 6 टा तँ मगधके पटना सँ सञ्चालित अछि, 6 टामे सँ एकटा संस्कृत विश्वविद्यालय अछि आओर 1 टा केन्द्रीय विश्वविद्यालय अछि।
1. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
कुलपति : सुरेन्द्र प्रताप सिंह
2. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर
कुलपति: हनुमान प्रसाद पाण्डेय
3. तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय
कुलपति: हनुमान प्रसाद पाण्डेय
4. डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, समस्तीपुर
कुलपति: आर सी श्रीवास्तव
5. पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया
कुलपति: राजनाथ यादवा
6. भूपेन्द्र नारायण मण्डल विश्वविद्यालय, लालू नगर, मधेपुरा
कुलपति: रामकिशोर प्रसाद रमण
7. कामेश्वरसिंहदरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा
कुलपति: शशिनाथ झा
संस्कृत विश्वविद्यालय आओर मधेपुराके विश्वविद्यालयके छोड़ि दी तँ सभ पर यहन कुलपति बैसाओल गेल अछि जे लोकिन मैथिल नहि छथि। आब मैथिल नहि छथि तँ निश्चित रूपसँ हुनका मिथिला अथवा मिथिलाक लोकसभ सँ सेहो कोनो अपनत्व नहि छन्हि।
कुलपतिक आचरण एना रहैत छन्हि जे मात्र ओ अपन ड्यूटी बजेबाक लेल विश्वविद्यालय आबैत छथि। करयके छन्हि तँ ड्यूटीये मुदा, ओ मात्र नाम लेल करैत छथि, काज लेल नहि।
जखनि कोनो कुलपति मात्र अहि द्वारे मोकदमामे मैथिल विद्यार्थीके फँसबैत अछि जे किओ विश्वविद्यालयमे पसरल गड़बड़ी अथवा भ्रस्टाचारके विरोधमे आवाज नहि उठाबय। शिक्षाके स्तर खराप करयमे यहन कुलपति सभकेँ विशेष हाथ रहैत छै। 3 वर्षक सिलेबसके 5 साल लय जायके पाछु मात्र एकेटा सड्ययंत्र छै जे कोना मैथिल विद्यार्थीके करियर नष्ट कयल जाय, तबाह कयल जाय।
पूरा शासन तन्त्र तँ पहिले सँ मगधके कब्जामे छै, बाद बाकी जे डायरेक्ट मगधके शासन तन्त्रमे नहि अबैत अछि ओहो पर अवैध आओर इनडाइरेक्ट रुपे मैथिलके हटायल जा रहल अछि।
समस्या कुलपतिके छै जा धरि यहन कुलपति मिथिलाक विश्वविद्यालयमे नहि नियुक्त कयल जायत जे मैथिल होइथि, मैथिल विद्यार्थी सभकेँ अपन धिया-पूता बुझथि, मैथिल विद्यार्थीके भविष्यके चिन्ता कय सकथि ता धरि मैथिल विद्यार्थी लोकिन मिथिलाके अहि यूनिवर्सिटी सभमे पिसाइत रहताह।
राज्यपालके बाहर आ रहबाक परम्परा छै मुदा मिथिलाके विश्वविद्यालय सभकेँ कुलपति मैथिल चाही। शिक्षा माफिया नहि। मिथिलामे मैथिल सँ बढ़ि कय किओ नहि छै। मैथिलके आब अमैथिल प्रशासक नहि चाही। मिथिलामे अमैथिल सभ गन्ध मचा कय रखने अछि
*केन्द्रीय विश्वविद्यालय राज्यपालके अन्तर्गत नहि अबैत अछि।
विश्वविद्यालयके वेबसाइट पर कुलपतिक यैह नाम लिखल छल।
टिपण्णी