अपन एकटा बयान के बाद विवादमे पड़ल महाराष्ट्रक राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी महाराष्ट्रक जनता सँ क्षमा मंगलनि अछि। राज्यपाल एकटा चिट्ठी जारी कए क...
अपन एकटा बयान के बाद विवादमे पड़ल महाराष्ट्रक राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी महाराष्ट्रक जनता सँ क्षमा मंगलनि अछि। राज्यपाल एकटा चिट्ठी जारी कए कहला अछि जे ओ जानि-बुझि कए अथवा अनजानमे भूल भेल आ एहि लेल ओ महाराष्ट्रवासी सँ क्षमा मांगैत छथि।
कोश्यरी एहि पत्र केँ ट्विटर पर शेयर कय एकरा अनुरोध कहने छथि।
राज्यपाल अपन पत्रमे लिखने छथि, "पछिला 27 जुलाई कए एकटा सार्वजनिक कार्यक्रममे मुंबईक विकासमे किछु विशेष समुदायक योगदानक प्रशंसा करबामे हमर दिस सँ किछु गलती भेल।"
"महाराष्ट्रे टा नहि, समस्त भारतक विकासमे सभक योगदान अछि।" आइ देश प्रगति दिस बढ़ि रहल अछि, विशेष कय संबंधित राज्यक उदारता आ सभ केँ संग ल' जेबाक उज्ज्वल परम्परा सँ देश प्रगति दिस बढ़ि रहल अछि।
"पछिला लगभग तीन सालमे हमरा महाराष्ट्रक लोक सँ अपार प्रेम भेटल अछि।" महाराष्ट्र आ मराठी भाषाक सम्मान बढेबाक लेल हम अपन पूरा प्रयास केलहुँ अछि। मुदा उक्त भाषणमे हम गलती सँ किछु गलती कएलहुं, एहि गलती कए महाराष्ट्र सन महान राज्यक प्रति तिरस्कार मानबाक कल्पना नहि कएल जा सकैत अछि। महाराष्ट्रक महान संतक परम्परामे अहि विनम्र राज्य सेवकके क्षमा कय, अपन विशाल हृदय देखओता।
27 जुलाई कए मुंबई मे आयोजित एकटा समारोह मे बजैत राज्यपाल कहने छलाह, "कखनो-कखनो हम एहि ठाम लोक कए कहैत छी जे महाराष्ट्र मे खास क मुंबई आ ठाणे सँ गुजराती कए भगेबे आ राजस्थानी कए भगेबे, तखनि अहां कए एतए किछु पाइ नहि बचल रहत। इ जे आर्थिक राजधानी कहबैत अछि से की आर्थिक राजधानी बनल रहत?
एकर बाद महाराष्ट्रक समस्त विपक्षी दल कोश्यरी सँ माफी मांगि रहल छल। एकनाथ शिंदे गुटक शिवसेना तथा भाजपा तक राज्यपालक बयान सँ दूरी बना लेने छल।
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